आज फिर दिल में इक हूक सी उठी है
आज फिर याद आये हैं वो
आज फिर इक सांस रुकी सी है
आज फिर यादों का इक सैलाब सा उठा है
आज फिर जज्बातों को बे-लगाम होते देखा है
आज फिर शायद उन्होंने कुनमुना के अंगड़ाई ली होगी
आज फिर शायद उन्होंने मेरा नाम लिया होगा कहीं
No comments:
Post a Comment